इस वेबसाइट पर किसी भी तरह के विज्ञापन देने के लिए जरूर CONTACT करें. EMAIL - info@jagrantoday.com

Note: इस वेबसाइट ब्लॉग पर जो भी कंटेंट है वो मात्र सुचना और शिक्षा के लिए दी गयी है. किसी भी कंटेंट को प्रयोग अगर किया जाता है तो उसके लिए खुद प्रयोग करने वाला ही हर तरह से जिम्मेदार होगा. हमने यहाँ अपने विचार प्रकट किये है. इसीलिए इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं - धन्यवाद

कुछ ख़ास आपके लिए :-

Best Full Body Massage Maalish Parlour in Rohtak Haryana - बेस्ट फुल बॉडी मसाज मालिश पार्लर इन रोहतक हरयाणा

  Best Full Body Massage Maalish Parlour in Rohtak Haryana सबसे पहला प्रश्न तो यही है की हमे बॉडी मसाज या शरीर पर मालिश ( Full Body Massa...

Upwas ya vrat kyon Jaroori hai | उपवास या व्रत क्यों जरूरी है



उपवास की परम्परा कब से शुरू हुई इसकी कोई तय तिथि इतिहास में नहीं है उपवास रखने की परम्परा युगों उगों से चली आ रही है. ग्रंथो में उपवास रखने और खोलने के नियमों का विस्तार से उल्लेख किया गया है. उपवास रखने से शारीरिक व् मानसिक रोग दूर होते हैं, मानसिक रोग दूर होते हैं. उपवास रखने की परम्परा आदि कल से चली आ रही है. आदि काल से ही मन की शान्ति या किसी इच्छा की प्राप्ति से लिए उपवास किया जाता है. महात्मा बुद्ध ने भगवन की प्राप्ति के लिए उपवास किये थे. अगर हम पौराणिक समय में जाते हैं तो भगवन राम ने सागर के सामने अपनी वानर सेना को रास्ता देने के लिए उपवास किया था. देवी पार्वती ने शिव के साथ विवाह करने के लिए उपवास किया था.

 CLICK HERE TO READ MORE POST ...
उपवास या व्रत क्यों जरूरी है
उपवास या व्रत क्यों जरूरी है

उपवास करना शरीर के रोगों के लिए बहुत उत्तम रहता है. ये बात सब जानते हैं कि पेट से सभी बीमारियाँ आरम्भ होती हैं. मन और पेट पर नियंत्रण करने से हमारे सभी रोग समाप्त हो जाते हैं. यदि हम जानवरों की तरफ देखें तो उपवास करने में हमारी आस्था और भी अधिक हो जाती है. पंछी तथा अन्य जानवर जैसे गाय कुता आदि जब बीमार पड़ते हैं तो वे सब खाना छोड़ देतें हैं. और कुछ हे समय में वे ठीक हो जाते हैं. इसी तरह से बीमारी में हमारे मुंह का स्वाद ख़त्म हो जाता है. हम खाना कम खाना चाहते हैं. खाना खाने को हमारा मन नही करता है.लकिन डॉक्टर खाना खाने की सलाह देतें हैं. हम सोचते हैं खाना खाने से हमारे शरीर में ताकत आएगी और मरीज़ कमजोर नहीं होगा. बीमारी की हालत में जितना ज्यादा खाना हम लेते हैं बीमारी उतनी ही अधिक प्रबल हो जाती है. उपवास करना रोगों के उपचार का एक साइंटिफिक तरीका है. पानी के आलावा किसी भी तरह का ठोस खाना न खाने को उपवास कहते हैं.जरूरत से ज्यादा खाना खाने के बुरे नतीजे से बचने का सबसे आसान तरीका उपवास है. उपवास करने से शरीर में रोग पैदा करने वाले तत्व बहार निकल जाते हैं. आराम शरीर के लिए सबसे जरुरी है उपवास से शरीर को आराम मिलता है.शरीर के अंगों को काम करने की ताकत मिलती है. शरीर के अंग आगे काम करने के लिए ताकतवर हो जाते हैं. ह्रदय को आराम मिलता है. ह्रदय को स्वस्थ और सशक्त बनता है. ह्रदय के विकार नष्ट होते हैं
 
Upwas Ya Vrat kyon Jaroori hai
Upwas Ya Vrat kyon Jaroori hai


उपवास के दिनों में जीभ व् सांस् लेने की दशा में परिवेर्तन हो जाता है. जीभ से रोगी दशा का पता चलता है.जैसे-जैसे हमारी भूख बढती जाती है और उपवास तोड़ने का समय नजदीक आता है हमारी जीभ का रंग बदल जाता है. जीभ का रंग गुलाबी हो जाता है. सांस् में एक विशेष तरह की खुशबु आ जाती है. 


ऐसा माना जाता है की उपवास कष्ट देता है. यह बात सच है लकिन हम उपवास को जितना अधिक कष्टदायक मानते हैं उपवास उतना अधिक कष्टदायक नहीं होता है. उपवास करने के दौरान शुरू के दो से तीन दिन ही कष्टदायक होते हैं. इस समय में हमारा जो खाना खाने को मन करता है वह भूख का एक आभास मात्र है. रोगी को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है. जब रोगी ज्यादा दिन का उपवास करता है तो अनेक अजीब तरह के लक्षण सामने आने लगते हैं. इन लक्षणों से घबराने  की जरूरत नहीं है. संयम बनाये रखना चाहिये. अगर रोगी को पहले ऐसी कोई बीमारी हुई है जिसका इलाज दवाइयों से हुआ है तो उपवास के समय उस रोग के लक्षण सामने आते हैं.


उपवास कैसे शुरू करें?

पहले एक  या दो दिन तक कम खाना खाना चाहिये. इसके बाद केवल फल आहार लेना चाहिये. ठोस फल खाने के बाद केवल रस का सेवन करना चाहिये और इसके बाद पूर्ण उपवास करना चाहिय. उपवास में आराम ज्यादा करना चाहिये. आराम के ये घंटे खुली साफ़ हवा या धुप में बिताने चाहियं. जो आदमी उपवास कर रहा है उसकी उपवास में पुरी तरह से श्रद्धा होनी चाहिये. उपवास करने से पहले उस उपवास से सम्बंधित किताब पढनी चाहिये.

उपवास कैसे तोडे?

जब उपवास का समय पूरा हो जाता है तो प्राकृतिक रूप से अपने आप पता चल जाता है की अब हमें उपवास तोड़ देना चाहिये. जीभ जब साफ़ दिखने लगे, सांस् में सुगंध आए, शरीर में ताजगी महसूस हो भूख अपने आप लौट आए तो हमें उपवास तोड़ देना चाहिये. उपवास जब पुरी तरह खत्म हो जाये तो हमें सबसे पहले रस का सेवन करना चाहिये. इसके बाद फलों का सेवन करना चाहिये फल आहार के बाद बिना नमक का सूप पीना चाहिये और इसके अगले दिन उबली सब्जी और फल एक साथ लेने चाहिये.इसके बाद कम नमक का भोजन करना चाहिये और इसके बाद साधारण भोजन लेना चाहिये.

उपवास के लाभ ----

1.सबसे पहले फेफड़े उपवास का लाभ महसूस करते हैं. उपवास शुरू करते ही फेफड़ों की सारी रूकावट ख़त्म हो जाती है. सांस् बिना किसी बाधा के आसानी से चलने लगती है.

2 दिल के रोग अपने आप ही केवल उपवास के द्वारा थोडे समय में ही ठीक हो जातें हैं. उपवास से दिल को आराम मिलता है. 

3 उपवास के द्वारा हमारी इन्द्रियाँ बहुत तेज़ी से काम करने लगती हैं. उपवास से रोगी को देखने सूंघने व् सुनने में बहुत अच्छा महसूस होने लगता है. मन में ख़ुशी महसूस होती है.

4 पेट की आंतों व् मूत्राशय की रूकावट ख़त्म हो जाती है, पेट की आंतों की सफाई हो जाती है. उपवास के द्वारा खून साफ हो जाता है.

मष्तिक और नाड़ी पर असर पड़ता है. उपवास से हमारी सोचने समझने की शक्ति बढती है. याददाश्त तेज हो जाती है.
 


 Upwas ya vrat kyon Jaroori hai, उपवास या व्रत क्यों जरूरी है, Upwas ki anivaryata, Vrat kyon rakhne chahiye, Bhookha rhna kyon jarooi hota hai kabhi kabhi, उपवास क्यों जरूरी है, व्रत की अनिवार्यता.



YOU MAY ALSO LIKE 

जल का शरीर में महत्तव
- सलाद या कच्चा भोज़न 
- उर्वरक खाद से किस पारकर भिन्न है
- सिंचाई किसे कहते हैं
- 8th class science question answer
- आदमी का शरीर बहुत कमजोर और बेबस हो रहा है

Dear Visitors, आप जिस विषय को भी Search या तलाश रहे है अगर वो आपको नहीं मिला या अधुरा मिला है या मिला है लेकिन कोई कमी है तो तुरंत निचे कमेंट डाल कर सूचित करें, आपको तुरंत सही और सटीक सुचना आपके इच्छित विषय से सम्बंधित दी जाएगी.


इस तरह के व्यवहार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !


प्रार्थनीय
जागरण टुडे टीम

No comments:

Post a Comment

ALL TIME HOT