इस वेबसाइट पर किसी भी तरह के विज्ञापन देने के लिए जरूर CONTACT करें. EMAIL - info@jagrantoday.com

Note: इस वेबसाइट ब्लॉग पर जो भी कंटेंट है वो मात्र सुचना और शिक्षा के लिए दी गयी है. किसी भी कंटेंट को प्रयोग अगर किया जाता है तो उसके लिए खुद प्रयोग करने वाला ही हर तरह से जिम्मेदार होगा. हमने यहाँ अपने विचार प्रकट किये है. इसीलिए इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं - धन्यवाद

कुछ ख़ास आपके लिए :-

Best Full Body Massage Maalish Parlour in Rohtak Haryana - बेस्ट फुल बॉडी मसाज मालिश पार्लर इन रोहतक हरयाणा

  Best Full Body Massage Maalish Parlour in Rohtak Haryana सबसे पहला प्रश्न तो यही है की हमे बॉडी मसाज या शरीर पर मालिश ( Full Body Massa...

Hanumaan Jayanti Par Laangurashtr Prayog | हनुमान जयंती पर लांगुरास्त्र प्रयोग


हनुमान जयंती पर लांगुरास्त्र का इस्तेमाल करें. लांगुरास्त्र का इस्तेमाल करने से हमारे जो शत्रु हैं जो हमारे जीवन में जो मुश्किलें पैदा करते हैं, जो हमारे रास्ते में रूकावट डालते हैं और जो हमारे शत्रु हैं वो सब खत्म हो जाते हैं. हमारे जो शत्रु हैं वो सब हमारे दोस्त बन जाते हैं. लांगुरास्त्र का प्रयोग करने से हमें हमारे जो दुश्मन हैं उन पर हमें जीत मिलती है. इस प्रयोग से हमें अपने दुश्मनों पर जीत तो मिलती ही है और साथ ही साथ हमारे दुश्मनों का संहार भी होता है. लांगुरास्त्र का इस्तेमाल करने से हमारे जितने भी दुश्मन हैं, हमारे जो विरोधी हैं जो की हमारा सब कामों में विरोध करते हैं और हमारे जितने भी हमारी बुराई करने वाले शत्रु हैं तथा जो हमारे रास्ते की रुकावटें हैं जो परेशानिया हें वो सब खत्म हो जाती हैं और हमारे सभी काम सफल हो जाते हैं. शत्रुओं और विरोधियों पर हमें जीत मिलती  है. हमारे जो आलोचक हैं और हमारे रास्ते की जो रुकावटें हैं जो परेशानिया हैं वो सब खत्म हो जाती हैं. हम जो भी कार्य करते हैं उनमे हम सफल हो जाते हैं. साधक अपने शत्रुओं पर जीत हासिल होती है. इस दिव्य प्रयोग से साधक के पास असीम शक्ति आ जाती है और जातक महाकाल की तरह अपने दुश्मनों पर जीत प्राप्त करता है. जातक के दुश्मनों की बुद्धि  ठीक डंग से काम नहीं कर पाती. जातक के जितने भी विरोधी होते हैं वो सब पीछे हट जाते हैं और जातक का साथ देने लग जाते हैं. हमारे शरीर में जितनी भी परेशानियाँ होती हैं वो सब खत्म हो जाती हैं. जिस तरह से इंद्र का वज्रासन, यम का दंडा अस्त्र, गणेश का पाशास्त्र, शिव का पाशुपतास्त्र, विष्णु का सुद्र्सनास्त्र और वरुण का अंकुश होता है ठीक उसी तरह से हनुम्नाल्लाल्गुलास्त्र कार्य करता है. इस अस्त्र का प्रयोग करके साधक अपने रास्ते की सब रुकावटें और जितने भी दुश्मन हैं उन पर जीत हासिल करता है. इस प्रयोग में हनुमान जी की एक लंगूर के रूप में पूजा की जाती है. इस लाल्गुलास्त्र प्रयोग को मंगलवार युक्त चित्र नक्षत्र, हनुमान जयंती, मंगलवार युक्त भरणी एवम कृतिका नक्षत्र में करने से तुरंत सिद्धि प्राप्त होती है. 


साधना सामग्री: पारद हनुमंत प्रतिमा, हनुमंत यन्त्र, पीपल का छोटा पेड़ एवं पूजन सामग्री और 9 साबुत सुपारी.


आसन: लाल उनी आसन.

दिशा: दक्षिण दिशा.

समय: रात्रि 10 बजे.

मंत्र संख्या: 108 बार.

अवधि: 1 रात्रि.
 CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
हनुमान जयंती पर लांगुरास्त्र प्रयोग
हनुमान जयंती पर लांगुरास्त्र प्रयोग

उपरोक्त संयोग के अवसर पर यह प्रयोग किया जाता है. सुबह के समय नहा धो कर घर से निकले. जंगल, बगीचे या खेत में जहाँ पर भी पीपल उगा हो वहां जाएँ और पीपल की एक डाल तोड़ कर ले आंए. यह डाल इतनी बड़ी जरूर होनी चाहिए कि साधक जब साधक इस डाल को सिर लगाने के बाद इसके नीचे आराम से खड़ा हो सके. यह क्रिया सुबह के समय करें. एक बर्तन में पानी भरकर डाली को इस पानी में रखें. इस बर्तन में पानी इतना भरें की दिन भर पड़ी रहने के बाद भी डाली सूख न पाए. यदि साधक पीपल की डाल ना ला सकें तो इस स्थिति में साधक पीपल के पेड़ के नीचे खड़ा होकर यह प्रयोग करे. यदि साधक यह विधान नहीं कर पाता है तो एसी स्थिति में उपरोक्त विधान उत्तम है. रात के समय नहा धोकर लाल वस्त्र पहन ले और दक्षिण की तरफ मुँह करके लाल उनी आसन पर बैठ जाए. साधक अपने सामने बाजोट स्थापित कर ले. फिर बाजोट स्थापित कर के उसके ऊपर लाल वस्त्र बिछा लें और इस लाल वस्त्र पर सिन्दूर डाल लें. फिर साधक उसी बाजोट की आठों दिशायों में आठ सरसों की ढेरी बना लें. सरसों की ढेरी बनाकर इस ढेरी के बीचों बीच स्वच्छ और शुद्ध जल से पारद हनुमान प्रतिमा को स्थापित कर दें और इसके सामने लाल अक्षत का ढेर बनाकर इस ढेर के ऊपर हनुमान यंत्र को स्थापित कर दें. इसके बाद एक बर्तन में सिन्दूर और तेल डालकर इन्हें अच्छी तरह से मिलकर लेप बना लें. इसके बाद इस सिन्दूर में 9 साबुत सुपारी भीगों लें और नीचे दिए गए मन्त्रों के द्वारा आठ ढेरियाँ स्थापित कर लें ---


1.       ॐ राम भक्ताय नम:

2.       ॐ कपिराजाय नम:

3.       ॐ महातेजसे नम:

4.       ॐ महाबलाय नम:

5.       ॐ दक्शिनंसा भास्कराय नम:

6.       ॐ ड्णाडीःआख़ा
 
Hanumaan Jayanti Par Laangurashtr Prayog
Hanumaan Jayanti Par Laangurashtr Prayog

अब एक बड़े से बर्तन में मिटटी भर लें. इस मिटटी में पीपल की डाली को स्थापित कर लें, अर्थात डाली को मिटटी में इस प्रकार से लगायें की डाली साधक के सिर के ठीक ऊपर रहे और साधक का सिर पीपल की डाल के नीचे रहे. इस डाली पर सिन्दूर और फूल चड़ाए. इसके बाद प्रतिमा एवम यन्त्र की पूजा करें. पूजा धुप, दीप, नैवेध, चंदन आदि से करें. अब एक बड़ा तेल का दीपक जलाएं. यह दीपक सुबह तक जलता रहना चाहिए. यह दीपक बुझना नहीं चाहिए. अगर दीपक बुझ गया तो विधान का प्रभाव खत्म हो जाएगा. मूंगा की जो माला है उसे प्रतिमा के गले में पहना दें. इसके बाद तांबे का एक बर्तन लें और उसमे पानी भर लें और उसमें तांबे की छोटी चम्मच डालकर हनुमान जी का नाम लें और पानी को जमीन पर फैला दें. बस हो गया आपका काम.


Hanumaan Jayanti Par Laangurashtr Prayog, हनुमान जयंती पर लांगुरास्त्र प्रयोग, Hanumaan Jayanti, Languraastr, हनुमान जयंती, लांगुरास्त्र. 




YOU MAY ALSO LIKE 

सभी ग्रहों के लिए रत्न विज्ञानं
छोटे उपाय लेकिन बड़े काम के
- माँ - बाप की ख्वाहिशे
- हनुमान जयंती पर लांगुरास्त्र प्रयोग
- गर्भपात स्तनों का ढीलापन की अनार से चिकित्सा
- स्वप्नदोष की अनार से चिकित्सा
- अमरुद फल के फायदे और उपयोगिताएं

Dear Visitors, आप जिस विषय को भी Search या तलाश रहे है अगर वो आपको नहीं मिला या अधुरा मिला है या मिला है लेकिन कोई कमी है तो तुरंत निचे कमेंट डाल कर सूचित करें, आपको तुरंत सही और सटीक सुचना आपके इच्छित विषय से सम्बंधित दी जाएगी.


इस तरह के व्यवहार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !


प्रार्थनीय
जागरण टुडे टीम

No comments:

Post a Comment

ALL TIME HOT