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Ungliyan or Apki Personality | उँगलियाँ और आपकी पर्सनालिटी



हमारे हाथों की उँगलियों एवम हथेलियों में बहुत सारी रेखाएं होती हैं. ये रेखाओं हमारे व्यक्तित्व के बारे में बहुत सारी जानकारियाँ दे देती हैं. हमारे हाथ की उँगलियों और हथेली में ग्रहों के पर्वत स्थापित होते हैं. ये पर्वत हमारे मन में जो विचार चल रहे होते हैं अर्थात मन में जो भी विचार चल रहे होते हैं और हमारी जो भावनाएं होती हैं उनकी जानकारी हमें इन पर्वतों से मिलती है. हमारे मन में जो विचार चल रहे होते हैं उनमें कई गुणों का मिश्रण होता है और ये गुण हैं सत्व, राजस और तमस. सत्व गुण की कई विशेषताएं होती हैं जैसे ज्ञान एवम सहनशीलता. दया, भरोसा, प्यार, आत्मसंयम, समझदारी, धीरज और याददास्त. गतिविधि और पर्वर्ति राजस गुण की मुख्य विशेषताएं होती हैं. राजस गुण वाला व्यक्ति महत्वाकंक्षी और गतिशील होता है. वह जल्दी ही बेचेन हो जाता है और प्रत्येक काम में जल्दबाजी करता है. उसे गुस्सा भी बहुत जल्दी आ जाता है. वह ईर्ष्यालु व् लालची होता है. तमोगुण की मुख्य विशेषता जड़ता और मूढ़ता होती है. उसकी सोच नकारात्मक होती है, वह ठीक तरह से व्यवहार नहीं करता है. वह बहुत लापरवाह और आलसी होता है. उसकी याददाश्त कमजोर होती है अर्थात वह भुलक्कड़ होता है. वह लड़ाई झगडा जल्दी करने लगता है और उसकी सोच अपराधियों की तरह हो जाती है. मनुष्य के विचार किस तरह के हैं इस बात का पता हमें उस मनुष्य की हथेलियों में मौजूद गृह के पर्वतों और हाथों की उँगलियाँ देखकर पता चलता है. हस्त रेखा विज्ञान में हथेलियों को तीन भागों में बांटा गया है. ये तीन भाग सत्व, राजस एवम तमस गुणों का प्रतिनिधित्व करते है. हथेली के अगले हिस्से में गुरु, शनि, सूर्य एवम बुद्ध के पर्वत स्थित होते हैं. ये पर्वत क्र्मशा तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्टिका उँगलियों के बिलकूल नीचे स्थित होते हैं. ये पर्वत हमारे सात्विक गुणों को उजागर करते हैं. मंगल का जो सबसे ऊँचा पर्वत होता है और जो सबसे नीचे वाला पर्वत होता है.
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उँगलियाँ और आपकी पर्सनालिटी
उँगलियाँ और आपकी पर्सनालिटी

 वो हथेली के मध्य भाग में स्थित होता है. ये पर्वत राजसिक तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं. शुक्र और चंद्रमा के जो पर्वत होते हैं वो सब हथेली के निचले भाग में स्थित होते हैं. ये पर्वत हमारे तामसिक गुणों का प्रतिनिधित्व करते है. जिस गृह का पर्वत जितना भी उभरा हुआ होता है उस व्यक्ति के स्वभाव में उतने ही अधिक गुण उस गृह से संबंधित होते हैं. हमारे हाथ की जो उँगलियाँ होती हैं उनमें सत्व, राजस एवम तमस गुण उंगली के उधर्व, मध्य और निचले भाग को दर्शाते हैं. अंग्रेजी में उँगलियों के इन भागों को फ्लेंग्स कहते हैं. व्यक्ति की हथेलियों और उँगलियों से उसके व्यक्तित्व, उसके सोचने का तरीका और उसके वयवहार के बारे में काफी जानकारी मिल जाती है. उंगलियों का जो सबसे निचला हिस्सा होता है उससे हमारी महत्वाकांक्षाओं के बारे जानकारी मिलती है. उँगलियों का यह भाग भौतिक, आर्थिक स्थिति, उसके खानपान, उसके रहने का तरीका व् समाज में उसका स्थान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां देता हे. उंगली के इस भाग से हमारे शरीर व् दिमाग के तालमेल का पता चलता है. उँगलियों के बीच का जो हिस्सा होता है उससे हमारे वव्यहार का पता चलता है और व्यक्ति के आसपास का जो वातावरण होता हे उसे उस व्यक्ति के तालमेल का पता चलता है. उंगली का यह भाग व्यक्ति के कार्य और उसके रोजगार के बारे में जानकारी देता है. उंगली के उधर्व भाग यह बताता है कि व्यक्ति नियमों का कितना पाबंद है. व्यक्ति के सोचने समझने की शक्ति कितनी है, व्यक्ति किस कार्य में निपुण है, व्यक्ति का वयवहार किस तरह का है, वह नेतिक मूल्यों में कितना विश्वाश करता है आदि बातों का उंगली के उधर्व भाग से पता चल जाता है. जिस व्यक्ति की उँगलियों के तीनो भाग एक समान होते हैं उनका व्यक्तित्व संतुलित होता है. जिस व्यक्ति की उँगलियों का उधर्व भाग और मध्य भाग एक समान होते हैं उस व्यक्ति की संकल्प लेने की शक्ति और निर्णय लेने की शक्ति तालमेल बना रहता है. जिस व्यक्ति की उँगलियों का उधर्व भाग बाकी दो भागों से बड़ा होता है तो उसकी किसी भी कार्य में निर्णय लेने की ताकत कम होती है. निर्णय लेने की शक्ति में कमी होने के कारण वह अपनी इच्छाओं और जरूरत को पूरा नहीं कर पाता है. संकल्प लेने की शक्ति कम होने के कारण वह सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाता है. जिस व्यक्ति की उँगलियों के बीच का भाग बाकि दो भागों से ज्यादा बड़ा होता है उस व्यक्ति की तर्क वितर्क करने की शक्ति और दिमागी शक्ति बहुत अधिक होती है लेकिन उसकी निर्णय लेने की ताकत कम होती हे और किसी भी कार्य में उस व्यक्ति का मन एकाग्र नहीं हो पाता है. इसी कारण उसे सफलता देर से मिलती है. ऐसे व्यक्ति जब दूसरे लोगों को सफल होता देखते हैं तो उनमे एक जलन पैदा हो जाती है.  बुद्धि में वो किसी दूसरे आदमी से कम नहीं होते है फिर भी वो दूसरों की तरह सफल नहीं हो पाते हैं. इसका मुख्य कारण यह हे की उनमें निर्णय लेने की ताकत कम होती है और उनकी इच्छा शक्ति भी कम होती है और यह केवल मेहनत के द्वारा ही बड सकती है. यदि उँगलियों का निम्न भाग बाकि दो भागों से बड़ा होता है तो ऐसे व्यक्तियों में विवेक बहुत अधिक होता है और वे कठिन से कठिन परिस्थिति में भी निर्णय लेने में सक्षम होते हैं. ऐसे आदमी बहुत भावुक होते हें वो अपना समय, पैसा और सलाह दूसरों पर खर्च करने से भी पीछे नही हटते और वह आलोचनाओ का सामना भी करते हैं. जिस व्यक्ति के हाथों की उंगली पुरी तरह से ठीक होती है वह जीवन में बहुत तरक्की करते हैं तथा उनका जीवन सफल होता है. जिस व्यक्ति की उँगलियाँ लम्बी एव पतली होती हैं ऐसे आदमी बहुत भावुक किस्म के होते हैं. जिस व्यक्ति की हाथों की उँगलियाँ मोटी होती हैं वो बहुत मेहनती होते हैं. यदि किसी व्यक्ति की उँगलियाँ कोण के समान होती है तो ऐसे   व्यक्ति बहुत संवेदनशील होते हैं. ऐसे व्यक्ति अपने पहनावे और सुन्दरता का खास तौर पर ख्याल रखते हैं. जिन व्यक्तिओं की उँगलियाँ नुकीली होती हैं उन लोगों का झुकाव अध्यात्म की तरफ जयादा रहता है और इनकी सोचने की शक्ति बहुत अधिक होती है. ऐसे व्यक्ति बहुत नम्र स्वभाव के होते हैं. यदि किसी व्यक्ति की उंगली ऊपर से चकोर होती हैं तो ऐसे व्यक्ति व्यावहारिक होते हैं. इनकी सारी बातें तार्किक होती हैं और इनका वयवहार बहुत नम्र होता है. ऐसे आदमी पुरानी परम्पराओं को मानते हैं तथा वे रुढीवादी होते हैं. जिन लोगों की उँगलियाँ स्पेचल की तरह होती हैं ऐसे आदमी बहुत निर्भय होते हैं. वे यथार्त में विश्वास रखते हैं. ऐसे आदमियों को घूमने फिरने का शोक बहुत जयादा होता है. इनमें काम करने की लग्न होती है और अनेक विषयों का इन्हें ज्ञान होता है. इस तरह के आदमी वैज्ञानिक, इन्जीनियर या निपुण टकनीशियन होते हैं. सीधी उंगली वाले व्यक्ति बहुत इमानदार होते हैं. वो शालीन होते हैं व् न्याय का साथ देते हैं. ऐसे आदमी जीवन में बहुत तरक्की करते हैं. जिन आदमियों की उँगलियों में गांठे होती हैं वो बहुत अधिक वाव्हारिक होते हैं. उनकी सभी बातें साफ सीधी होती हैं. जिन आदमियों की उंगलिया लम्बी होती हैं उनका रुझान शिक्षा की तरफ ज्यादा होता है. जिस व्यक्ति की उँगलियाँ अव्यवस्थित होती हैं खासकर कनिष्का उंगली जिसे बुद्ध की उंगली भी कहते हैं यह उंगली जब ज्यादा छोटी होती है तो उस आदमी का अपने ऊपर विश्वास कम होता है. जिस आदमी की उँगलियाँ धनुष के आकार की होती हैं वह आदमी बहुत संतुलित किस्म का होता है वह आदमी ज्यादा विचारशील होता है.  
 
Ungliyan or Apki Personality
Ungliyan or Apki Personality

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